लालकिले से प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक भाषण
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जब से भारत अपना स्वतंत्रता दिवस बना रहा है तब से लेकर अब तक का सबसे ऐतिहासिक और मन को छू लेने वाला भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया है। मोदी का यह भाषण निश्चय ही याद रखने लायक व संजोकर रखने लायक हो गया है। लगभग तीस वर्षों के बाद देश के संसदीय इतिहास में किसी राजनैतिक दल को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ है यह इसी का परिणाम है कि उम्मीदों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने धाराप्रवाह शुद्ध सरल व बेहद आसान शब्दों में देश की जनता से दिल से बात करी। यही कारण है कि मोदी के भाषण के बाद देश का युवा वर्ग व महिलायें एक बार फिर नमो नमो के नारे लगाने लग गयी हैं। देश के जनमानस में नयी आशाओं का संचार हुआ है। देश की जनता को एक बार फिर अपने अच्छे दिनों की आस जगी है। देश की फिजा व हवा में एक नयी ऊर्जा का अनुभव हो रहा है। मोदी का भाषण सोशल मीडिया में भी छा गया है। लोग अपनी भावनाओं का आदान प्रदान फेसबुक व टिवटर पर कर रहे हैं। मोदी के भाषण पर पूरे देश की निगाहें लगी हुयी थीं तथा बौद्धिक वर्ग का समुदाय ही नहीं अपितु आम जनमानस के एक बहुत बड़े जागयक वर्ग ने भी उनको बेहद ध्यान से सुना व देखा तथा यहां तक कि उनके भाषण के बाद टी वी पर आने वाले राजनैतिक विश्लेषण को भी ध्यान से सुना व देखा गया।
राजनैतिक विश्लेषकों व स्वतंत्र रूप से विचारकों व पत्रकारों ने उन्हें दस में से दस नम्बर दिये वहीं कहीं न कहीं किसी न किसी राजनैतिक दल की विचारधारा से प्रभावित लोगों ने उनके नम्बर घटा भी दिये हैं। लेकिन यदिउ पूरी समग्र दृष्टि से देखा जाये तो प्रधानमंत्री मोदी का भाषण स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजनीति से प्रेरित न होकर राष्ट्रनीति का परिचायक था। बहुत दिनों के बाद किसी प्रधानमंत्री ने बिना लिखा और बिना बुलेटप्रूफ के भाषण दिया। उन्होनें समाज को जागरूक करने व प्रेरणादायी भाषण दिया है। प्रधानमंत्री ने अपने आपको प्रधानमंत्री न कहकर प्रधानसेवक कहकर सम्बोधित किया। उनका भाषण पाजिटिव, पावरफुल और परफेक्ट था। यह पहला ऐसा भाषण था जिसमें प्रधानमंत्री ने देश के विकास के लिए सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों, सभी पूर्व सरकारों और राजनैतिक दलों को धन्यवाद दिया। यह पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होनें केवल महर्षि अरविंद, स्वामी विवेकानंद , महात्मा गांधी और जयप्रकश नारायण को याद किया और सभी क्रांतिकारियों को शत- शत नमन किया।
उन्हांेनें अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू जी सहित किसी प्रधानमंत्री का नाम नहीं लिया जिसके कारण कांग्रेसी नाराज भी हो गये। जिसकी उन्होनें आलोचना भी करी है। बहुत दिनों बाद यह एक ऐसा भाषण था जिसमेें प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के कामकाज की उपलब्धियों का कोई बखान नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विकास के लिए नये आइडिया भी पेंश किये जिनका देश के युवावर्ग ने दिल खोलकर स्वागत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के लिए आशा की नयी किरणें फैलाने का प्रयास किया है। युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए विशेष कार्यक्रमों को चलाने का आहावन किया है। उनका नया सपना है डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया का। उन्हांेने युवाओं का आहावन किया है कि वे आगे बढे़ और अपने सपने तथा बेरोजगारी को दूर करने के लिए अपने उद्योग व कल कारखाने लगायें जिसमें सरकार उनका पूरा सहयोग करेगी। उन्होनें स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देते हुए जीरो इफेक्ट और जीरो डिफेक्ट का नारा भी दिया। प्रधानमंत्री मोदी का भाषण वस्तुतः युवाओं पर विशेष केन्द्रित रहा। आज पूरा युवावर्ग नरेंद्र मोदी की ओर आशाभरी निगाहों से देख रहा है। आखिर सत्ता तक पहुंचाने का श्रेय युवा मतदाताओं व महिलाओं का ही है। देश का युवा बेरोजगारी की निराशा में जी रहा है , भ्रष्टाचार की मार भी युवा और महिलाओं को ही सहनी पड़ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में गर्भ में पल रही बच्ची से लेकर कामकाजी महिलाओं तक के लिए विचार व्यक्त किये। प्रधानमंत्री ने कहाकि बलात्कार की घटनाओं से सिर शर्म से झुक जाता है। उन्होनें यह तो कहाकि अब बलात्कार की घटनाओं पर कानून अपना काम करेगा। लेकिन उन्होनें समाज के नागरिकों व माता- पिता को भी यह समझाने का प्रयास किया कि जिस प्रकार एक लड़की से पूछा जाता है कि कहा जा रही हो, कितनी देर में वापस लौटोगी आदि- आदि यदि इसी प्रकार लड़कों पर भी घर केे सदस्य नजर रखें तो बलातकार की घटनाओं को कुछ हद तक रोका जा सकता है। गर्भपात करने वाले चिकित्सकांे से भी उन्होनें अपनी तिजोरी भरने के लिए गर्भपात न करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने हर विद्यालय में शौचालय निर्माण पर बल दिया है तथा इसके लिए अपने सांसदों से अपील की ह कि अपनी सांसद निधि का एक बड़ा हिस्सा विद्यालयों में बालिकाओं के लिए अलग शौचालय निर्माण पर खर्च करें ताकि बच्चियां असमय स्कूल छोड़ने पर मजबूर न हो सके।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान का भी उल्लेख किया । हर संासद से उन्होनें देश के विकास के लिए कम से कम एक आदर्श गांव भी विकसित करने की बात कही है। प्रधानमंत्री की बातें देखने व सुनने में तो छोटी लग सकती हैंे व लोगों को हंसी भी आ सकती हंै लेकिन यही सब बातेें देश व समाज के विकास में काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। यह पहला ऐसा भाषण था जिसमें किसी जाति वर्ग, धर्म व क्षेत्र विशेष का तुष्टीकरण नहीं किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क देशों का उल्लेख करके भविष्य में अपने पड़ोसियों के साथ आने वाल अच्छे दिनों का संकेत भी दिया है। उन्होनें न तो चीन को कोसा और न ही पाकिस्तान को जिससे कुछ विश्लेषक अवश्य आश्चर्यचकित भी हो रहे हैं। बस सीमा सुरक्षा के प्रश्न पर उन्होंने इतना ही कहाकि देश की सेनायें व सुरक्षा बल जाग रहे हैं इसलिये देश की सुरक्षा के लिए हमें भी सतत जागते रहना चाहिये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगे की कसम खाकर कहाकि हम देश का विकास अवश्य करके रहंेंगे। अभी तक देश के किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री ने इसप्रकार से तिरंगे की कसम नहीं खाई हैे। साथ ही इस अवसर पर उन्होनंे देश की गरीबी को हरहालत में दूर करने का संकल्प भी लिया है। जैसे कि आशा व्यक्त की जा रही थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषण में कोई बड़ा ऐलान करेंगे फिलहाल ऐसा कुछ नहीं किया गया है। हालांकि उन्होनें देश की भविष्य की राजनीति को बदलने वाला यह संदेश अवश्य दिया है कि वे बहुमत से देश को नहीं अपितु सहमति से देश व सरकार को चलायेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में केंद्र- राज्य के साथ मिलकर काम करने का भी ऐलान किया है।
निश्चय ही प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण देश की जनता को अच्छे दिनों का संकेत दे रहा था। मोदी के इमोशनल भाषण एक बार देश की जनता भावविभोर भी हो उठी थी। मोदी जी का भाषण सुनकर व देखकर एकबारगी जब वे चुनावप्रचार के लिए निकलते थे। उन दिनों की याद बरबस ताजा हेा गयी। अंतिम बात यह कि प्रधानमंत्री ने सभी को शांति,प्रेम, भाईचारा व सदभावना बनाये रखने का संदेश देते हुए कहा है कि जब समाज में पूर्ण शांति रहेगी तब देश का समुचितविकास हो सकेगा व गरीबी दूर होगी। आइये हम सभी अपनी गरीबी को मिटाने के लिए जीजान से जुट जायें। अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनरा सुरक्षा घेरा तोड़कर बच्चों से हाथ मिलाया व बात करी जिसके कारण वे बच्चों के सुपरहीरों बन गये।