पुराने खंडहर
काल के अट्टहास के प्रतीक
या शाश्वत रुपी सत्य का बोध कराते
पुराने खंडहर …………………..
स्वयं में समेटे हुए अनगिनत कहानियाँ
झूठ, सत्य,प्रेम, कुकृत्य …
ना जानें कितनी निशानियाँ
काल के दंश से …
प्रकृति के अंश से …
दिखाते कि सबका अंत है सुनिश्चित
बताते कि कुछ भूलों के लिए ….
पीढ़ियाँ तक करतीं है प्राश्चित ……
जताते कि कुछ भी सदा के लिए नहीं
न सुख, न दुःख ..ना जीवन, ना बंधन
व्यर्थ है सब चिंतन ….
बस कर्म ही है जीवन का सच …..
इतिहास के कपाल पर लिख जाते हैं जो वीर
जो काल को भी चिड़ाते है मुँह….
जो समय को करते है अधीर ………….
किसी दिन सबसे ऊँची प्राचीर ….
भी हो जायेगी ध्वस्त ………….
फिर भी याद रक्खे जायेंगे पुराने खंडहर …
उनमे रहने वालों के नाम से,
किसी दिन कभी ना डूबने वाला सूर्य
भी हो जायेगा अस्त…………..
फिर भी गर्व से तन जायेंगे पुराने खंडहर …
उनमें जन्मीं वीर गाथाओं से …..
गर्व से तन जायेंगे पुराने खंडहर …
जीवित जो जायेंगे पुराने खंडहर …
जब कोई होगा उनके समक्ष नतमस्तक
मान कर उन्हें वीरों की धरोघर….
तब वो होंगे पूज्य…उन कई महलों से …
जहाँ पर रोज मरती आत्मा…..
जहाँ पर रोज मरती आत्मा…..
_________अभिवृत | कर्णावती | गुजरात
बहुत खूब ! खंडहरों से भी हम बहुत कुछ सीख सकते हैं.