आप ही बताइए
बचा लिया मैंने
जलती हुई
अधजली औरत को
पूरी जलने से
अधजली
इसलिए कि मैं
उसकी करनी की उसे
चाहती थी देना सजा|
अब आप ही बताइए?
मैं दयावान या निर्दयी।
एक बच्चे को मैंने
बचा लिया दुर्घटना से
क्योंकि वह
बेटा था अमीर बाप का
गरीब के लिए तो मैंने
जान की बाजी अपनी
नहीं लगाईं थी कभी।
अब आप ही बताइए?
मै स्वार्थी हूँ या फरिश्ता।
मैंने एक इंसान की
बड़ी ही निर्दयता पूर्वक
कर दिया क़त्ल
वह इस लिए कि
मुझे लगा कि वह
इंसानियत का दुश्मन है
साल भर की बच्ची का
कर बलात्कार
मार दिया था उसने
उसे क्रूरता से
हैवानियत जाग गयी थी उसमें
उसको परलोक पहुँचाना
अपना फर्ज समझा मैंने |
अब आप ही बताइए ?
मैं इंसान हूँ या शैतान |
मैंने शक के आधार पर
पकड़े हुए निर्दोष आदमी को
बर्बाद हो न जीवन उसका
छोड़ दिया ले- देकर
ले देकर इस लिए कि
उसूल था वह अपना
उसूल पालन के साथ ही
एक जिन्दगी को
होने से बर्बाद
बचा लिया मैंने |
अब आप ही बताइए?
मैं ईमानदार हूँ या घूसखोर ।
अपने घर के पास
छुपे हुए कातिल को
बचा लिया मैंने
क्योंकि लगा मुझे
नहीं किया है उसने क़त्ल
चेहरे के हाव भाव
पढ़ने का हुनर
उम्र के साथ
आ ही गया था हममें|
अब आप ही बताइए?
मैंने कर्त्तव्य-पालन किया
या कानून का उल्लंघन ।
अपने प्रिय नेता पर
लगे आरोप को मैं
कैसे करूँ सहज ही सहन
नहीं कर पाती कभी भी
आरोप लगाने वाले को
नीच प्रवृत्ति का
व्यक्ति हूँ समझती
क्योंकि मुझे लगता है कि
वह कर ही नहीं सकते ऐसा!
कर सकता है क्या?
कोई आदर्श व्यक्ति
ऐसे निकृष्ट काम कभी।
अब आप ही बताइए?
मैं देशभक्त हूँ या देशद्रोही ।
बिना सोचे समझे मैंने
पंक्तियां कुछ लिखकर
पढ़ दिया आपके आगे
क्योंकि लगता है मुझे कि
अपनी भावनाओं को मैंने
उड़ेल दिया है इन चंद शब्दों में
और लोगो ने शायद
इसी अभिव्यक्ति को
कविता का नाम दिया है।
अब आप ही बताइए?
मैं कवियत्री हूँ या
समय की बर्बादी ।
समय की बर्बादी
आप ही बताइए । सविता मिश्रा
27/9/1989
बहुत अच्छी कविता बहिन जी. आपकी कविता सोचने को बाध्य करती है.
आभार भैया दिल से
बहुत सुन्दर कविता दीदी !
शुक्रिया मनजीत बहन
लय बद्ध कविता ….. पढने में सच में अच्छा लगा ….
दीदी शुक्रिया ..सादर नमस्ते
सविता जी , आप बहुत अच्छा लिखती हैं , पड़ कर मज़ा आ गिया . आप सचमुच कवित्री हैं , समय की बर्बादी नहीं .
आदरणीय भैया जी सादर नमस्ते ……आभार