ग़ज़ल : जीवन नैया डांवांडोल
जीवन नैया डांवांडोल
बाबा अब तो आँखें खोल
खुल जायेगी तेरी पोल
खुद को इतना भी न टटोल
प्यार में बिक जाये अनमोल
इक गुड़िया है गोल-मटोल
कौन यहाँ किसको क्या दे
सबके हाथों में कशकोल
आज हादसा नहीं हुआ
जश्न मनाओ, पीटो ढोल
जो बिछुड़ा वो फिर न मिला
हम समझे थे दुनिया गोल
क्यों मुश्किल में पड़ता है
सबकी बातों पर हाँ बोल
सोने पर लोहा भारी
वक़्त आ गया लोहा तोल
आज हादसा नहीं हुआ
जश्न मनाओ, पीटो ढोल
गजब की ग़ज़ल है ! लगता है प्रत्येक शेर व्यवस्था के मुंह पर एक तमाचा है.