मुक्तक
मापनी- 212 212 212 212 22
आज की रात तो प्यार की रात है दिलवर,
चाँदनी रात है ताज ही ताज है दिलवर,
ख्वाब ही ख्वाब है आज मेरे निगाहों में,
आज की रात में साज ही साज है दिलवर।
दिनेश”कुशभुवनपुरी”
मापनी- 212 212 212 212 22
आज की रात तो प्यार की रात है दिलवर,
चाँदनी रात है ताज ही ताज है दिलवर,
ख्वाब ही ख्वाब है आज मेरे निगाहों में,
आज की रात में साज ही साज है दिलवर।
दिनेश”कुशभुवनपुरी”
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sundar
वाह !
वाह वाह .