मुक्तक
मापनी- 2122 2212 22
ज़िंदगी के काबिल सभी होंगें,
प्रौढ़ता में शामिल सभी होंगे,
फलसफा कैसा ज़िंदगी का है,
मौत को तो हासिल सभी होंगें।
दिनेश”कुशभुवनपुरी”
मापनी- 2122 2212 22
ज़िंदगी के काबिल सभी होंगें,
प्रौढ़ता में शामिल सभी होंगे,
फलसफा कैसा ज़िंदगी का है,
मौत को तो हासिल सभी होंगें।
दिनेश”कुशभुवनपुरी”
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वाह