पाकिस्तान मे हुआ बाल नरसँहार..
कह दो उन दरिंदो से
क्या इतने नपुंसक हो गये हो
नही टिक पाते जब कही भी
बच्चों पर हिंसक हो गये हो
जल्लाद भी कहना कम होगा
इतने निर्दयी अब बन गये हो
नही रहा ह्रदय अब सिने मे
तो नामर्द से तन गये हो
नही चित्कारा ह्दय तुम्हारा
मानव जन्म दुत्कार रहा
आज दुनिया मे चारो तरफ
तुम्है हर कोई फटकार रहा
विश्व शक्तिया खुद को कहने वाली
अब तो इनका विनाश करो
नही तो भविष्य की गर्त मे
और खूंखार रुप की आस करो
क्या बित रही उस मां बाप पर
जिनका भविष्य बिगाङ डाला
जीते जी उन बेबसो को
इन आंतकवादियों ने मार डाला
सिर्फ सांत्वना देकर के
अब बेठे न रहो न हाथ धरो
मिलकर के सारी ताकते
इस आंतकवाद को खाक करो
इस घृणित घटना की जितनी भी निंदा की जाय कम है … विश्व की सभी शक्तिसंपन्न राष्ट्रों को इसके खिलाफ एक जुट होना ही होगा. आतंकवाद एक कला धब्बा है चाहे वह जिस किसी भी रूप में और जहाँ भी हो.
ye khel rahe masumo se jaise khelte masum khilono se …..मार्मिक कविता
बहुत मार्मिक कविता !
यह जानवर लोग हैं , इंसान नहीं हो सकते .