दो बूंद
छुपा रखा था
राज – ए – गम
जिंदगी के
पलकों तले
वर्षों बाद
ये किसका
स्नेहिल स्पर्श
महसूस किया
कांधे ने
कि छलक पड़े
दो बूंद
खुशी के !!
— डॉ भावना सिन्हा
छुपा रखा था
राज – ए – गम
जिंदगी के
पलकों तले
वर्षों बाद
ये किसका
स्नेहिल स्पर्श
महसूस किया
कांधे ने
कि छलक पड़े
दो बूंद
खुशी के !!
— डॉ भावना सिन्हा