चिड़िया
लिये
चोंच में तिनका
चिड़िया देखती
इधर उधर
खोजती
घने छांव वाला
एक शजर
पेट में
दाना नहीं
भूख से
व्याकुल चिड़िया
ढुंढ्ती
आंगन वाला घर
कड़ी धुप
में भरती
ऊंची लम्बी उड़ान
प्यासी चिड़िया
तलाशती
जल से
भरा एक पोखर
छलक आते
आंखों में आंसू
उदास चिड़िया
सोचती
क्यों अपना रहा
इंसा आराकाशी
का हूनर
उजड़ते
चमन को देख
हैरां परेशान हो
चिड़िया
नोचती
अपने ही पर !!
भावना सिन्हा
बहुत भावुक कविता !