कविता

सोचता तो होगा ख़ुदा….

सोचता तो होगा ख़ुदा ,मर्द बना कर कितनी गुस्ताखी की है उसने,
………. हर जगह अत्याचार , व्याभिचार का लगा दिया इन्होने बाज़ार!!

कहीं महिलाएं, बच्चियां तो कहीं, मासूम बच्चे हो रहे हैं इनके शिकार,
……………बहुत रोया होगा ,कई रातों न सोया होगा!!

इंसानियत के इन दुश्मनों को बना कर,
…………मर्द के रूप में हैवान दरिदों को धरती पर लाकर !!

काश ख़त्म हो जाये इनका धरती से वज़ूद ,
………. इन्हें कर दिया जाये नेस्तनाबूद,

नामर्दों को मिटा दिया जाये,
……….. फिर से धरा पर शांति, प्रेम, वफ़ा, करुणा बहाल हो जाये !!

अनुपमा श्रीवास्तव 'अनुश्री'

परिचय नाम- अनुपमा श्रीवास्तव (अनुश्री) जन्मतिथि- 28 अगस्त शिक्षा- एम.एस.सी., एल.एल.बी. साहित्यिक अभिरूचियाॅं- कविता, कहानी, लेख, क्षणिकाऐं प्रकाशन - देश - देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कविताओं का निरंतर प्रकाशन। विदेश- mauritius से प्रकाशित हिन्दी स्पीकिंग संगठन द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘सुमन’ और महात्मा गाॅंधी संगठन से प्रकाशित पत्रिकाएॅं ‘बसंत’ और रिमझिम’ में कविताओं और कहानी का प्रकाशन। - इन्टरनेट पर साहित्यिक गतिविधियाॅं - - अखिल भारतीय बुंदेलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद म.प्र. भोपाल - म.प्र. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिन्दी भवन भोपाल (म.प्र.) - अखिल भारतीय साहित्य परिषद भोपाल (म.प्र.) - बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल (म.प्र.) प्रकाषन - बाल काव्य संग्रह ‘अवि, तुम्हारे लिए (2013) ‘काव्य पुस्तक’ प्रकाषनाधीन प्रसारण -‘आकाशवाणी भोपाल से कविताओं टॉक शो का प्रसारण नारी शक्ति कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन ‘दूरदर्शन ;मध्यप्रदेश’ द्वारा साहित्य समय ,परिवार ,काव्यांजलि ,कार्यक्रमों में कविताओं ,टॉक शो का प्रसारण एवं संचालन सम्मान - प्रोत्साहन सम्मान -2013 रंजन कलष भोपाल,द्वारा - साहित्यकार सम्मान 2013-कादबिनी पुस्तक मेला एंव नेषनल बुक ट्रस्ट,नई दिल्ली द्वारा - ‘अक्षर षिल्पी सम्मान 2013’( संस्कार सारथी ट्रस्ट, नई दिल्ली द्वारा) - म.प्र. लेखिका संघ द्वारा बाल काव्य संग्रह ‘अवि, तुम्हारे लिए’ हेतु सम्मान - सार्वदेषिक कायस्थ महासभा, भोपाल द्वारा साहित्यकार सम्मान - जे एम डी प्रकाशन, नई दिल्ली, द्वारा ‘हिंदी सेवी सम्मान ’ 2014 - ‘राष्ट्रीय संचालन एवं संभाषण अलंकरण’ 2014, द्वारा निर्दलीय प्रकाशन ,दिल्ली अन्य गतिविधियाॅ - मंचसंचालन ( बिभिन्न साहित्यिक,सांस्कृतिक ,सरकारी शैक्षिक कार्यक्रमों का मंच संचालन) स्क्रिप्ट लेखन, गायन, संपादन अनुभव - उपसंपादन - ओजस्वनी अंतराष्ट्रीय पत्रिका सचिव - महिला महासंघ, म.प्र. भोपाल पता- अनुपमा श्रीवास्तव, अनुश्री ई-मेल - [email protected]

3 thoughts on “सोचता तो होगा ख़ुदा….

  • इंसानियत के इन दुश्मनों को बना कर,

    …………मर्द के रूप में हैवान दरिदों को धरती पर लाकर !!

    काश ख़त्म हो जाये इनका धरती से वज़ूद ,

    ………. इन्हें कर दिया जाये नेस्तनाबूद,….bahut khoob

  • विजय कुमार सिंघल

    बढ़िया लिखा है. वैसे मेरा विचार है कि खुदा अगर होगा तो दारू के नशे में टुन्न रहता होगा, वरना एक अनपढ़ आवारा यौन-पिपासु आदमी को अपना संदेशवाहक क्यों बनाता?

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