क्षणिका
गम की आंधिया उजाड़ ना दे चमन तेरा
ढाल बन के सदैव तुम खड़ी रहना…
प्यार से सींचना शाखाएं अपनी
समय के थपेड़ो में
मुरझाने मत देना
…..सविता मिश्रा
गम की आंधिया उजाड़ ना दे चमन तेरा
ढाल बन के सदैव तुम खड़ी रहना…
प्यार से सींचना शाखाएं अपनी
समय के थपेड़ो में
मुरझाने मत देना
…..सविता मिश्रा
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पिओर औप्तिमिज़म .
शुक्रिया भैया .._/_सादर