शिशुगीत – 1
१. बंदर
नटखट होता है बंदर
उछले-कूदे इधर-उधर
धूम मचा दे रस्ते में
हँसी दिला दे सस्ते में
खाता है रोटी, केले
गुलदाने, गुड़ के ढेले
२. भालू
भालू मोटा, ताकतवर
देख इसे लगता है डर
मधु खा के हो जाता खुश
जंगल में घूमे दिनभर
३. शेर
पीला-पीला राजा वन का
लंबे, भारी-भरकम तन का
चले शान से शीश उठा के
काम करे नित अपने मन का
४. बाघ
दुर्गामाता करें सवारी
सिंहराजा का जोड़ीदार
अपने भारत का प्रतीक भी
नहीं चूकते इसके वार
५. हाथी
मद से घूमे हो मतवाला
भीमकाय ये काला-काला
सूप समान कान दो प्यारे
सूँड़, दाँत में लगे निराला
अच्छे और सरल शिशु गीत ! बधाई !!