हाइकु- घट/घड़ा/गगरी
पाप का घड़ा,
सम्पूर्ण जब भरा,
फूट ही पड़ा।
अधूरी भरी,
छलकती जरूर,
जल गगरी(घड़ा)।
बालकमन,
कच्चा घड़ा समान,
सच्चा निर्माण।
दिनेश”कुशभुवनपुरी”
पाप का घड़ा,
सम्पूर्ण जब भरा,
फूट ही पड़ा।
अधूरी भरी,
छलकती जरूर,
जल गगरी(घड़ा)।
बालकमन,
कच्चा घड़ा समान,
सच्चा निर्माण।
दिनेश”कुशभुवनपुरी”
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