हैप्पी न्यू ईयर
31 दिसंबर की रात के जैसे ही बारह बजे सब एक दूसरे नव वर्ष की बधाई देने लगे कोई गले लगकर कोई हाथ मिलाकर, सब पार्टी में मस्त झूम रहे थे नाच रहे थे। सब में जाने कैसा जूनून छाया था जैसे फिर कभी नया साल नही आयेगा नही, बस यह उनके जीवन का आखरी साल हो, लाखो रूपये बरबाद कर दिए थे कई लोगो ने नये साल की पार्टी के लिये ।
गरीब रामु के 10 साल के बच्चे ने रामु से पूछा बापू यह सब क्या कर रहे आज क्या कोई त्यौहार हैं, रामू ने उसके सर पर हाथ फेरते हुवे कहा बेटा यह नया साल मना रहे आज से नया साल लगा हैं । रामू के बेटे ने फिर सवाल पूछा बापू अपना नया साल कब आयेगा हम सब कब मिलकर ऐसी पार्टी करेंगे ?
बेटे के सवाल का रामू के पास कोई जवाब नही था वो अपने बेटे का हाथ पकड़ नीचे मुहँ किये अपने घर की तरफ बढ़ने लगा ।
जीतेंद्र “नील”
( इंदौर )
अच्छी लघु कथा. !