काम याद आते हैं …….
लोग नहीं लोगों के काम
याद आते हैं
तुलसी दास नहीं
रामायण के राम
याद आते हैं
वेद व्यास नहीं
गीता के श्याम
याद आते हैं
क्या लिखूं तेरे बारे में
के लोग कह उठें
“इंतज़ार” नहीं उसके
दिल के राज़
याद आते हैं
……..इंतज़ार
लोग नहीं लोगों के काम
याद आते हैं
तुलसी दास नहीं
रामायण के राम
याद आते हैं
वेद व्यास नहीं
गीता के श्याम
याद आते हैं
क्या लिखूं तेरे बारे में
के लोग कह उठें
“इंतज़ार” नहीं उसके
दिल के राज़
याद आते हैं
……..इंतज़ार
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बहुत खूब !