मुक्तक
वेद की ये बात है हम सदा सहजोर थे,
राज सुन लो आज तुम हम सदा पुरजोर थे,
काल की धारा बही और टूटा तार सब,
आक्रमण भी झेल कर हम नही कमजोर थे।
दिनेश”कुशभुवनपुरी”
वेद की ये बात है हम सदा सहजोर थे,
राज सुन लो आज तुम हम सदा पुरजोर थे,
काल की धारा बही और टूटा तार सब,
आक्रमण भी झेल कर हम नही कमजोर थे।
दिनेश”कुशभुवनपुरी”
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बढ़िया !