मुक्तक-नव वर्ष -2015 की शुभकामनायें
दो हजार पंद्रह का स्वागतम प्यार सब कर लो,
दो हजार चौदह की विदाई यार अब कर लो।
सभी कड़वाहट बिसारो सबको गले लगाकर,
फूल के जैसा अपने को तैयार अब कर लो॥
दिनेश”कुशभुवनपुरी”
दो हजार पंद्रह का स्वागतम प्यार सब कर लो,
दो हजार चौदह की विदाई यार अब कर लो।
सभी कड़वाहट बिसारो सबको गले लगाकर,
फूल के जैसा अपने को तैयार अब कर लो॥
दिनेश”कुशभुवनपुरी”
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ठीक है.
नए वर्ष के लिए बहुत अच्छा सन्देश दिया है दिनेश भाई .