क्षणिकाएं
रोटी
पिज्जा बर्गर खाते हुए
पता नही क्यों अचानक
याद आ गई
अम्मा के चूल्हे की रोटी।
कैरियर
कैरियर की अंधी दौड़ में
बन गया मशीन
नहीं रह पाया इन्सान।
बेटा
भाई तुम्हारा बेटा था
बना दिया उसे इंजीनियर
मैं बेटी हूँ ना
इसलिए कह रहे हो
कर लो प्राइवेट बी.ए.
संतान
सोनोग्राफी अबार्शन
नहीं होने दूंगी
आएगी इस संसार में
मेरी संतान
बेटा हो या बेटी
बहुत कर लिया सहन
अब नहीं चुप रहूंगी
मुंह दिखाई
अपनी बहन को तो
राखी पर करूं
एक सौ एक का मनी आर्डर
तो अखरता है तुम्हें
साले की बहू की मुंह दिखाई
में क्यों आवश्यक है
देना नेकलेस
जवाब दोगी क्या ?
मोतियाबिन्द
बुक करवा लिए
भारत दर्शन के लिए
हवाई जहाज़ के टिकट
बाद में देखा जाएगा
अम्मा के मोतियाबिन्द
का आपरेशन
अब तो तुम सब
खुश हो ना ?
क्षणिकाएं बहुत अच्छी हैं .
बहुत चुटीली क्षणिकाएं !