~~शिक्षा~~
“आज रिटायर हो गया सुगन्धा | ”
“अरे कैसे-क्यों ? तबियत तो ठीक है न ! अभी आपकी नौकरी के तो चार साल बाकी है |” “नहीं रे ‘पगली’ ‘प्यार’ से रिटायर हुआ | आज बहू बराम्दे से मेरी गोद से चिक्कू को लगभग छीन के ले गयी| बड़बड़ा रही थी कि प्यार तो देते नहीं , बस गुजरे जमाने की शिक्षा देते है | ‘अंग्रेजी स्कूल ‘ में पढ़ रहा है | आपकी तरह कोई खैरात वाले में नहीं| ”
सविता मिश्रा
बेहतर लघु कथा. यथार्थ का चित्रण करती है यह छोटी सी कहानी. आज की पीढ़ी के लिए पुराने मूल्यों का कोई अर्थ नहीं है.