बच्चों को हरषाते बादल
उमड़-घुमड़ कर आते बादल
पेड़ों को नहलाते बादल
ठंडा-ठंडा पानी देकर
बच्चों को हरषाते बादल ।
पूरे अंबर में छा जाते
पानी इतना कैसे लाते ?
अपने हाथों ताल-तलैया
पलभर में भर जाते बादल |
सड़कें जब गरमी से जलतीं
तेज हवाएं हर पल चलतीं
सूरज की ऎसी करनी पर
गुस्से से गुर्राते बादल।
जब निदाध से तपती धरती
जब ज़मीन रह जाती परती
खेतों में पानी बरसाकर
खुशियाँ घर-घर लाते बादल |
bahut achchi kavita. badhai.