मुलाकात होली में
होगी उन से फिर मुलाकात होली में
होगी नैनों से नैनों की बात होली में
होंगे बरसों बाद फिर आमने-सामने
जाने संभलेंगे कैसे ज़ज्बात होली में
छुआ था तुमने जो गुलाल के बहाने
बन गये थे प्यार के हालात होली में
आज तक है याद वह छुअन तुम्हारी
हुई थी जो प्रेम की बरसात होली में
तपता रहा जो बरसों विरह तपन में
हो जायेगा शीतल वह गात होली में
होगा मिलन अपना राधा-श्याम ज्यों
आयेगा वो आनंदमय प्रभात होली में
बहुत ही सुंदर
हृदय तल से धन्यवाद रमेश जी
“छुअा था तुमने जो गुलाल के बहाने
बन गये थे प्यार के हालात होली में”
बहुत खूब !
आदरणीय विजय कुमार सिंघल जी आपकी प्रेरक टिप्पणी के लिये सादर आभार…नमन
shabd aur chitr dono holeemay!
आदरणीय जवाहर लाल सिंह जी सादर आभार…आपकी टिप्पणी मुझे नव सृजन के लिये प्रेरणा देगी ।
v nice
आदरणीय किशोर कुमार खोरेन्द्र जी आपकी स्नेहिल उपस्थिति व टिप्पणी मेरे लिये प्रेरणादायक है़…सादर नमन