कविता

तुम्हे पाना चाहते हैं

कैसे बताऊँ
की हम तुम्हे कितना चाहते हैं
न दौलत न शोहरत
हम तो सिर्फ आपको
पाना चाहते है

माना की मुमकिन नही
हमसे इज़हार ऐ मोहब्बत तुम्हारा
फिर भी अपने इकरार के लिए
हम आना चाहते है
माना की यह सर झुकता नही हर जगह
पर आपके दामन में
सर झुकाना चाहते हैं

बहुत तरसा हूँ
जिसकी मोहब्बत के लिए
आज उसी के दीदार को
जाना चाहते हैं
नही चाहिए हमे शीशे के महल
नही चाहिए हमे रेत के घरोंदे
हमे तलब है तो सिर्फ आपके साथ की
और इसीलिए खुद को
आपके आँचल तले छिपाना चाहते हैं
हम तो सिर्फ आपको
पाना चाहते हैंं

महेश कुमार माटा

नाम: महेश कुमार माटा निवास : RZ 48 SOUTH EXT PART 3, UTTAM NAGAR WEST, NEW DELHI 110059 कार्यालय:- Delhi District Court, Posted as "Judicial Assistant". मोबाइल: 09711782028 इ मेल :- [email protected]