वादा
वो चले जाते हैं
फिर लोट के आने का वादा करके
मगर हम हैं की हटते ही नही
न जाने का इरादा करके
कोई सम्झादे उन्हें
की रत्ती भर भर भी
सब्र नही हममे
जिन्दा हैं तो सिर्फ
उनके साथ अपनी हर ख़ुशी
और हर गम साँझा करके
माना की हम करते हैं
बदतमीज़ीआं
क्योंकि एक व्ही हैं जिनपे
हमने यह अधिकार माना है
और हम शुक्रगुज़ार हैं उनके
वो सह लेते हैं हर इक खता
कभी कम
और कभी ज्यादा कह के
यह ठीक है
की किया ह हमने यह वादा उनसे
की अपनी हर कल्पना खुद को सुनाएंगे
और चाहकर भी उनसे न बतलायेंगे
मगर उन्हें यह भी समझना होगा
गर हम उनको नही बतलायेंगे
तो कल्पना क्या हवा में बनाएंगे
लीजिये हम जा रहे हैं यह वादा करके
की अब लौटेंगे
तो हर बात तुमसे साँझा करने का इरादा करके
इरादा करके…………
धन्यवाद विजय जी व् रमेश जी
किया बात है !! खूब .
Dhanyavad sir ji
वाह वाह !
वाह क्या बात है बहुत खुब।