लघु कथा : ख्बाहिश
हर लड़की की तरह रजनी की भी ख्बाहिश थी कि उसे भी दुल्हन के रूप में लेने के लिए कोई राजकुमार चांदी के रथ पर चढ़ कर आये और उसे अपने महलों में ले जाए ! जब वह अपनी सहेली निशा से अपनी इस ख्बाहिश के बारे कहती तो दोनों सखियाँ अपने -अपने ससुराल और अपने होने वाले शौहर की कल्पना कर मन ही मन ख़ुशी से झूम उठती !
” यह देख निशा ,मुझे एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई है “- फेसबुक निशा को दिखाते रजनी ने कहा !
” ऐसे मवालियों के चक्र में मत पड़, होगा कोई मनचला !”-निशा ने उसे इग्नोर करते हुए कहा !
” तू देख तो सही , यह देख उसका प्रोफाइल और यह है उसकी फोटो “-मोबाइल उसकी तरफ बढ़ाती रजनी ने कहा !
“ओह… यह तो बहुत सुंदर है ! “- निशा के मुँह से यही निकला था ! ,” रजनी, यही है आपके सपनो का राजकुमार ! तू फटाफट फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ले !” रजनी का फोन छीन कर निशा ने ही कन्फर्म का बटन दबा दिया !
फिर क्या था – पहले हालचाल , फिर लम्बी चैटिंग ,फिर दोस्ती और फिर प्यार जो बाद में शादी में तब्दील हो गया !
रजनी की ख्बाहिश पूरी हो चुकी थी लेकिन जब उसे मालुम हुआ कि ऋषभ न तो किसी मल्टी नेशनल कम्पनी का प्रोडक्शन मैनेजर था और न ही किसी यूनिवर्सिटी का इंजीनिरिंग ग्रेजुएट – तो वह ठगी सी महसूस कर रही थी !
उसकी खबाहिशों का घरौंदा भरभरा कर टूट चुका था !
इस से पुराना ढंग ठीक नहीं था जब रिश्ते दोनों खानदानों को जान कर होते थे ? माना उन में भी बहुत बातें छुपा ली जाती थी , फिर भी इस से तो अच्छा ही था . जब रिश्ते फेस बुक या फ्रैंडशिप से होते हैं , यह सभी भूल जाते हैं ख़ास कर लद्किआन कि उन होने जाना तो सुसराल में ही है .