कविता

कहां गया वो बचपन

कहां गया वो बचपन
जब चौंतरे पर बैठी बुड़िआ को ताई कहकर बुलाते थे
बदले में ढेरों आशीष पाते थे !
तब रेहड़ी पर ही चाट पकोड़ी और पापड़ी खाते थे
ना कोई ऐडिकेट्स रुंगा मांगकर खाते थे !
खेल में ज्यादा पढ़ाई में कम समय लगाते थे
बस होम वर्क कर शाबाश पाते थे !
कहां गया वो बचपन —————–
अब बंद शीशों वाली कार में जाते हैं
ना काहु से दोस्ती ना काहु से बैर
पर आशीष से वंचित रह जाते हैं !
अब बड़े रेस्ट्रां में खाते है
भारी सर्विस टैक्स चुकाते है
बेस्वाद चीजे खाते है !
कमाई कम पर इनकम टैक्स सताता है
कितना कटाए कितना बचाएं
यही सोचते हुए सो जाते हैं !
कहां गया वो बचपन !
कहां गया वो बचपन !!
आर एम मित्तल

आर एम मित्तल

रिटायर्ड चीफ मैनेजर पीएनबी समाजसेवी कार्यकर्ता मोहाली Email [email protected] Mobile: 09815608514

One thought on “कहां गया वो बचपन

  • विजय कुमार सिंघल

    बढ़िया लेख ! बचपन की यादें मधुर होती हैं!

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