क्षणिका यादें अनिता मण्डा 30/04/201501/05/2015 पंछी गाते गीत लहरें सुनाती संगीत तपती धूप में यादों के बादल दे रहे छांव नरम नरम घास सहला देती पांव
अच्छी क्षणिका ! कुछ गंभीर रचनाएँ भी लगाइए.