नारियाँ किसी कम नहीं…
प्रण कर लो आज अर्धनारीश्वर समाज बनाना है,
नारियाँ किसी से कम नहीं ये साबित कर दिखलाना है.
छल करके पत्थर बनाया सती बनाके हमें जलाया,
हर कदम पर ली अग्निपरीक्षा फिर देखो वनवास दिलाया,
अब दुर्गा बनके हमें सत्य पर विजय पाना है…
पायल-चुड़ी-हार नहीं हम शिक्षा को बनाएं गहना,
इतनी लगन से काम करें पूरा हो जाए हर सपना,
शर्म-झिझक को छोड़कर हमें
कर्तव्यों को अपनाना है…
हम उस नारी की वंशज हैं अंग्रेज भी जिससे हारा है,
विद्वानों को किया पराजित देश को भी सँवारा है,
हम भी ऐसा कर सकते हैं आत्म-विश्वास ये लाना है…
इस देश की जन्मी नारी ने हर क्षेत्र में नाम कमाया,
लाँघ आयी ऊँची चोटी को चाँद पर भी कदम बढ़ाया,
सारा जमीं चलकर हमें नभ में उड़ान लगाना है…
कूपमंडूकता मत बनाओ अनमोल है ये जीवन,
अंधकार मिटाने के लिए हम भी जलाएँ एक किरण,
समाज में फैली भ्रातियों को चल मिलके आज मिटाना है,
नारियाँ किसी से कम नहीं ये साबित कर दिखलाना है.
— दीपिका कुमारी दीप्ति
बढ़िया. आपकी भावनाएं प्रशंसनीय हैं.
अच्छी लगी , आज औरत बुलंदिया को छू रही है.