खत रो पड़ा..!
ख़त रो पड़ा…
माँ को देकर संदेशा
सिपाही की शहादत का..!
शब्द बिखरने लगे
सिसकियों में,
पंक्तियाँ बहने लगी
आँसुओं में,
सीने से लगाकर रो पड़ी माँ भी…
और ख़त रो पड़ा…
शब्दों को समेटकर
पंक्तियों में लपेटकर
माँ ने सहेजकर ख़त को
रख दिया पेटी में,
पास ही
बेटे की तस्वीर के,
अंतिम निशानी समझकर…
कभी-कभी निकाल लेती है
पेटी से,
झड़काकर पढ़ लेती है
बेटे को,
ख़त को मना करती है
रोने से,
और खुद रो पड़ती है…!
क्या बात है जी…बहुत खूब!!
धन्यवाद #दुबेजी
बहुत खूब !
धन्यवाद भाईसाहब
bahut hi sunder
धन्यवाद @प्रदीप जी