दृष्टिबाधित व्यक्तियों की सहायता का एक अभिनव स्तुत्य प्रयास
मित्रो, स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस पर, आप लोगों के सहयोग की कामना के साथ हमने एक संगठन (Club) का गठन किया है, जिसका नाम Voice for blind (वाइस फॉर ब्लाइंड) है। आप लोगों में से जो भी दृष्टिबाधित छात्र या छात्राओं की सहायता करना चाहते हैं, वे इस संगठन के सदस्य बन सकते हैं।
हमारे समाज में एक विचारधारा व्याप्त है कि दृष्टिबाधित लोगों को एक विशेष प्रकार की शिक्षा (ब्रेल लिपि) के माध्यम से ही पढाया जा सकता है। यह पूरी तरह से सच नहीं है। कोई भी शिक्षित व्यक्ति दृष्टिबाधित बच्चों को पढा सकता है, उसके लिए ब्रेल लिपि का ज्ञान अनिवार्य नही है। उनकी शिक्षा-दिक्षा भी सरकार द्वारा चलाए गये पाठ्यक्रम के अनुसार ही होती है। सामान्यतः कक्षा आठवीं तक सरकारी पाठ्यक्रम की पुस्तकें ब्रेल लिपि में उपलब्ध हैं। कक्षा नवीं से आगे की कक्षाओं के लिए ब्रेल लिपि में पर्याप्त अध्ययन सामग्री उपलब्ध नहीं है। जिसके लिए पाठ्य सामग्री को दृष्टिसक्षम लोग रेकार्ड(Record) करते हैं और उस रेकार्ड की गई अध्ययन सामग्री को दृष्टिबाधित बच्चे सुनकर याद करते हैं।
आप उनकी सहायता कैसे कर सकते हैं?
1: आप उनकी पाठ्य सामग्री को रेकार्ड(Record) कर सकते हैं। आज लगभग सभी के पास कम्प्युटर या लैपटॉप उपलब्ध है और लगभग सभी के पास स्मार्ट फोन भी उपलब्ध है, जिसमें रेकार्डिंग की सुविधा होती है। इसके अलावा आप ऑडेसिटि या जेट ऑडियो सॉफ्टवेयर को गुगल से डाउनलोड कर सकते हैं और उसके माध्यम से आप दृष्टीबाधित बच्चों के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार पाठ्य पुस्तिका या जो 20-30 प्रश्न-उत्तर की गाइड आती है उसे रेकार्ड कर सकते हैं। आप जब ऐसे बच्चों से जुङेंगे तो वो स्वंय ही आपको किताब देंगे इसे आपको खरीदना नही है सिर्फ आपको अपना अमुल्य समय रेकार्डिंग के माध्यम से उनको देना होगा। रेकार्ड की गई पाठ्य सामग्री की सीडी बनाकर उनको देनी होगी। यदि आप सीडी का व्यय उठाने में सक्षम हैं तो आप अपने पास से भी सीडी दे सकते हैं अन्यथा आप उन बच्चों से पुस्तक के साथ खाली सीडी भी ले सकते हैं।
2: एक और बङी समस्या है, जिसके कारण कई दृष्टिबाधित बच्चों की सालभर की मेहनत परीक्षा के समय सहलेखक (Scribe) के अभाव में व्यर्थ हो जाती है। आप उनके लिए परीक्षा के समय सहलेखक (Scribe) का कार्य कर सकते हैं। इसके अंर्तगत दृष्टिबाधित बच्चे उत्तर बोलते हैं आपको उन उत्तरों को उत्तर-पुस्तिका पर लिखना होता है और पेपर पढकर उनको प्रश्न बताना होता है। बैंक, रेलवे तथा अन्य प्रशासनिक प्रवेश परिक्षाएं ज्यादातर रविवार को आयोजित होती हैं। इसमें भी सहलेखक (Scribe) की आवश्यकता होती है।
3: आप अपने आस-पास के कक्षा 11वीं एवं 12वी के बच्चों को सहलेखक (Scribe) कार्य हेतु प्रोत्साहित कर सकते हैं।
4: जो लोग रिटायरमेंट के बाद घर में रहते हैं उन विशिष्ट जन से निवेदन करते हैं कि, आप अपने अनुभव के द्वारा उनको आगे बढने में मदद कर सकते हैं तथा अपनी शैक्षणिंक योग्यता का लाभ उन्हे पढा कर दे सकते हैं।
“मैं आप सबसे पुनः अपील करती हूँ कि अपना अमूल्य समय उपरोक्त कार्य के माध्यम से दृष्टिबाधित लोगों को दीजिए। हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है कि शिक्षा दान महा दान। आपके द्वारा दिया गया सहयोग किसी दृष्टिबाधित बच्चे को आत्मनिर्भर रहते हुए सम्मान से जीने का उजाला दे सकता है। इस कार्य हेतु यदि आपके मन में कोई और प्रश्न या जिज्ञासा (Curiosity) हो तो आप मेल करके पूछ सकते हैं।”
संगठन के सदस्य बनने के लिए आपको क्या करना है-
हम आपको मेल के साथ एक फार्म अटैच करेंगे. उसमें आपको, अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर शैक्षणिंक योग्यता या कहाँ जॉब कर रहे हैं तथा किस क्षेत्र में काम करना चाहेंगे, ये जानकारी भरकर आपको मेल करना होगा। जिससे आपके शहर में उपस्थित दृष्टिबाधित बच्चों को आपकी अनुमति से आपका नम्बर दिया जा सके और आपके पते पर रेकार्डिगं (Recording) के लिए पुस्तकें भेजी जा सकें।
इस कार्य हेतु आपका दिया हुआ वक्त उनके जीवन का सबसे अनमोल तोहफा होगा। विस्तृत जानकारी के लिए आप हमें ई मेल भी कर सकते हैं। आप हमारे ब्लॉग पर भी विजिट कर सकते हैं, ब्लॉग पर सबसे ऊपर हमारे क्लब का फार्म है। इच्छुक सेवाभावी फार्म भर कर भेज सकते हैं।
Mail ID:- [email protected]
धन्यवाद
अनिता शर्मा
बहुत श्रेष्ठ कार्य !