कुछ हाइकू
{मेरी पहली कोशिश}
1.पेड़ लगाएं
पेड़ों से है जीवन
जीवन पाएं.
2.खो गई हूं मैं
मुझे रास्ता दिखा दे
ऐ मेरे खुदा.
3.रंग बिरंगी
मेरे भैया की राखी
मुझको भाती.
4. तुझे प्रणाम
जग जननी नारी
तू है महान.
5.हाइकु लाया
गागर में सागर
मन हर्षाया.
बहुत बढ़िया हायकू तुकांत का अनुपम समन्वय
इतने त्वरित व हार्दिक कामेंट के लिए ह्रदय से शुक्रिया और धन्यवाद भाई साहब |
अच्छी हाइकु !
हौंसला अफजाई के लिए दिल की गहराईओं से शुक्रिया भाई साहब |
मंजीत , अछे हाइकु हैं और मेरे जैसों के लिए समझने भी आसान हैं . वैसे मैं समझता हूँ कि भाषा सरल ही होनी चाहिए , ताकि सभी पाठक समझ सकें . आगे भी इन्जार रहेगा .
इतने त्वरित व हार्दिक कामेंट के लिए ह्रदय से शुक्रिया और धन्यवाद भाई साहब ।
वाह अतीव सुंदर हायकू
भाई साहब, मेरे लिखे हाइकू” मेरी पहली कोशिश ” पसंद करने के लिए आप का दिल की गहराईओं से शुक्रिया