ताजी खबर : ताजी कुंडलिया
मौका था यह आठवाँ, जब कर मन की बात।
प्रकट किए गहरे तनिक, अबकी वो जज्बात।
अबकी वो जज्बात, सफलता हासिल करना।
मौसम कितना गर्म, ध्यान पशु-खग का रखना।
कह ‘पूतू’ कविराय, बड़ाई खुद सुन चौंका।
कोर कसर मत छोड़, मिला जो सुंदर मौका॥
मौका था यह आठवाँ, जब कर मन की बात।
प्रकट किए गहरे तनिक, अबकी वो जज्बात।
अबकी वो जज्बात, सफलता हासिल करना।
मौसम कितना गर्म, ध्यान पशु-खग का रखना।
कह ‘पूतू’ कविराय, बड़ाई खुद सुन चौंका।
कोर कसर मत छोड़, मिला जो सुंदर मौका॥
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बहुत अच्छी कुण्डली !