हाइकू
1.छोड़ न जाना
दुःख और सुख में
साथ निभाना.
2.लौटा के मेरा
बचपन सुहाना
हंसा दे कोई.
3.कभी हंसातीं
भूली बिसरी यादें
कभी रुलातीं.
4.हमें रुलातीं
भूली बिसरी यादें
जब भी आतीं.
5.यही है सच
अग्नि है प्रचंड
क्रोध से बच.
1.छोड़ न जाना
दुःख और सुख में
साथ निभाना.
2.लौटा के मेरा
बचपन सुहाना
हंसा दे कोई.
3.कभी हंसातीं
भूली बिसरी यादें
कभी रुलातीं.
4.हमें रुलातीं
भूली बिसरी यादें
जब भी आतीं.
5.यही है सच
अग्नि है प्रचंड
क्रोध से बच.
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बहुत अच्छे हाइकु !
हौंसला अफजाई के लिए शुक्रिया भाई साहब
मंजीत , हाइकु बहुत अछे लगे .
शुक्रिया भाई साहब
बहुत बढ़िया हायकू बहन जी
हौंसला अफजाई के लिए बहुत शुक्रिया भाई साहब |