ग़ज़ल-अगर हो सके तो
इनायत तू करना अगर हो सके तो
अदावत ना करना अगर हो सके तो|
तेरा मेरा वादा हुआ था कभी जो
उसे याद करना अगर हो सके तो|
भले प्यार से अपने महरूम कर दो
ना अज़ाब करना अगर हो सके तो|
सदाएं मेरी मेरी कर दी अनसुनी तुमने
अना अब ना करना अगर हो सके तो|
फिदा हूं तेरे हर्फ़े-सच पे “अरुण”मैं
ना मलूल करना अगर हो सके तो|
आपका प्रयास अच्छा है.