कविता

क्या लिखूं ……

क्या लिखू क्या ना लिखूं ,

मेरी कलम ही रुक जाती |

जब से तुम बिछड़ी ,

लिखना बंद सी हो गयी |

लेखनी भी होती तो ,

तुम पर ही आ रूकती |

क्या करू मैं समझ न पाती|

मेरी समस्या को दूर ,

तुम्ही तो करती |

अब दिन रात गुजर रहा ,

तुम्हारे याद और इंतज़ार में |

कभी सोचा न था की ,

ऐसी सजा हमे भी मिलेगी |

अपना घर छोड़ तुम ,

किसी और का घर बसाएगी |

बस मैं क्या करू ,

सिसकियों के सहारे

दिने काट रही हूँ |

मैं अपने आप को ,

कैसे सम्भालू यही ,

सोच रही हूँ ……………

निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४

6 thoughts on “क्या लिखूं ……

    • निवेदिता चतुर्वेदी

      dhanybad

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    अच्छी कविता है जी .

    • निवेदिता चतुर्वेदी

      dhanybad jee

  • विजय कुमार सिंघल

    कविता अच्छी है. लेकिन लिंग भेद का ध्यान रखा होता तो और अच्छी बनती.

    • निवेदिता चतुर्वेदी

      dhanybad sriman jee, aage se dhyan me rakhungi

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