उनका न होना जाने क्यों सताने लगा है
अब तो हर पल
उनका ही चेहरा याद आने लगा है
अभी तक बिताये थे जो लम्हे साथ साथ
जाने क्यों रह रह कर
उनका न होना अब हमें सताने लगा है
उनका मेरे साथ होना
मेरे प्रति उनके प्यार का सबूत था
और अब उनके जाने के बाद
मेरे घर का कोना कोना
उनकी ही आवाज में
उन्हीं के गीत गाने लगा है
जाने क्यों उनका न होना
अब हमें सताने लगा है
ठीक है
प्यार तो उन्होंने भी किआ है
हमने तिनका तिनका ही किआ होगा
उन्होंने तो खुद को ही हमारे लिए तिनका तिनका कर दिया है
हमारे आंसू तो हमारी आकांक्षाओं का प्रतिबिम्ब है
मगर उन्हीं ने तो बिना रोये ही
हमारी हर आकांक्षा को पूरा किआ है
दुसरो को जलाकर तो सभी संतुष्ट हो जाते हैं
उन्होंने तो खुद जलकर
हमारी हमारे शब्दकोष को
प्यार की वेदना से परिपूर्ण किआ है
इसीलिए
जाने क्यों रह रह कर
उनका न होना अब हमें सताने लगा है
बहुत अच्छी कविता !
बहुत खूब .