दोहा-मुक्तक
दोहा-मुक्तक
मूरख जनता है नहीं, अब वो है चालाक,
नेता जी की नियत को, वो लेती है झाँक।।
जाकर के मतदान में, अपना देती वोट।
बढ़ते भ्रष्टाचार पर, कर देती है चोट।।
— अमन चाँदपुरी
दोहा-मुक्तक
मूरख जनता है नहीं, अब वो है चालाक,
नेता जी की नियत को, वो लेती है झाँक।।
जाकर के मतदान में, अपना देती वोट।
बढ़ते भ्रष्टाचार पर, कर देती है चोट।।
— अमन चाँदपुरी
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अच्छे दोहे !