कविता

शत -शत बार उन्हें प्रणाम ….

शत -शत बार उन्हें प्रणाम ,

जो करेगा गरीबो का सम्मान |

वही होगा सच्चा इंसान ,

ईश्वर करेगा पूरा अरमान |

रोता -गाता पथ पर चलता ,

मांगता सहानुभूति का प्रसाद |

कोई देता गाली तो कोई देता दान ,

कोई न करता उसका सम्मान |

चिल्लाता रहता बाबू -भैया ,

किसी को न सुनाता उसकी आवाज |

देदो एक मुठी भर दान ,

पेट -पीठ है एक सामान |

दिन भर भूखा रहता है ,

कर दो एक न्याय का काम |

न तन पर वस्त्र न पेट में दाना ,

नही सूझता अब कोई काम |

हाथ पैर हो गए नाकाम ,

अब तुम दया करो भगवन |

कौन है गरीबों का भगवान,

शत -शत बार उन्हें प्रणाम |

करेगा जो गरींबों का सम्मान |

…………..निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४

2 thoughts on “शत -शत बार उन्हें प्रणाम ….

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत खूब ! !

    • निवेदिता चतुर्वेदी

      dhanybad

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