कुण्डली/छंद

ठकुरेला की  कुण्डलियाँ 

जिसने  झेली दासता , उसको  ही  पहचान ।
कितनी पीड़ा झेलकर , कटते हैं दिनमान ।।
कटते हैं  दिनमान ,  मान  मर्यादा खोकर ।
कब  होते  खग मुग्ध , स्वर्ण -पिंजरे में सोकर ।
‘ठकुरेला’  कविराय , गुलामी चाही किसने ।
जीवन  लगा  कलंक , दासता झेली जिसने ।।

मालिक  है  सच में  वही , जो  भोगे , दे  दान ।
धन  जोड़े ,  रक्षा करे ,  उसको प्रहरी  मान ।।
उसको  प्रहरी मान , खर्च  कर  सके  न  पाई ।
हर  क्षण धन का  लोभ, रात दिन नींद न आई ।
‘ठकुरेला’  कविराय ,  लालसा है  चिर-कालिक ।
मेहनत की दिन रात ,  बने  चिंता के  मालिक ।।

सीढ़ी दर  सीढ़ी चढ़ा ,  लिया  शिखर को  चूम ।
शून्य रहीं  उपलब्धियाँ ,  उसी बिंदु  पर  घूम ।।
उसी बिंदु  पर  घूम, हाथ  कुछ लगा न  अब तक ।
बहकाओगे  मित्र ,  स्वयं के  मन  को   कब तक ।
‘ठकुरेला’  कविराय ,  याद  रखती  हैं  पीढ़ी ।
या  तो   छू लें  शीर्ष ,   या  कि   बन  जायें सीढ़ी ।।

भातीं सब बातें  तभी , जब  हो  स्वस्थ शरीर ।
लगे  बसंत  सुहावना , सुख से  भरे समीर ।।
सुख से  भरे समीर , मेघ  मन  को  हर  लेते ।
कोयल , चातक  मोर , सभी  अगणित सुख  देते ।
‘ठकुरेला’  कविराय , बहारें  दौड़ी  आतीं ।
तन , मन  रहे अस्वस्थ , कौन  सी  बातें  भातीं ।।

–   त्रिलोक सिंह ठकुरेला 

त्रिलोक सिंह ठकुरेला

जन्म-तिथि ---- 01 - 10 - 1966 जन्म-स्थान ----- नगला मिश्रिया ( हाथरस ) पिता ----- श्री खमानी सिंह माता ---- श्रीमती देवी प्रकाशित कृतियाँ --- 1. नया सवेरा ( बाल साहित्य ) 2. काव्यगंधा ( कुण्डलिया संग्रह ) सम्पादन --- 1. आधुनिक हिंदी लघुकथाएँ 2. कुण्डलिया छंद के सात हस्ताक्षर 3. कुण्डलिया कानन 4. कुण्डलिया संचयन 5.समसामयिक हिंदी लघुकथाएं 6.कुण्डलिया छंद के नये शिखर सम्मान / पुरस्कार --- 1. राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा 'शम्भूदयाल सक्सेना बाल साहित्य पुरस्कार ' 2. पंजाब कला , साहित्य अकादमी ,जालंधर ( पंजाब ) द्वारा ' विशेष अकादमी सम्मान ' 3. विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ , गांधीनगर ( बिहार ) द्वारा 'विद्या- वाचस्पति' 4. हिंदी साहित्य सम्मलेन प्रयाग द्वारा 'वाग्विदाम्वर सम्मान ' 5. राष्ट्रभाषा स्वाभिमान ट्रस्ट ( भारत ) गाज़ियाबाद द्वारा ' बाल साहित्य भूषण ' 6. निराला साहित्य एवं संस्कृति संस्थान , बस्ती ( उ. प्र. ) द्वारा 'राष्ट्रीय साहित्य गौरव सम्मान' 7. हिंदी साहित्य परिषद , खगड़िया ( बिहार ) द्वारा स्वर्ण सम्मान ' प्रसारण - आकाशवाणी और रेडियो मधुवन से रचनाओं का प्रसारण विशिष्टता --- कुण्डलिया छंद के उन्नयन , विकास और पुनर्स्थापना हेतु कृतसंकल्प एवं समर्पित सम्प्रति --- उत्तर पश्चिम रेलवे में इंजीनियर संपर्क ---- बंगला संख्या- 99 , रेलवे चिकित्सालय के सामने, आबू रोड -307026 ( राजस्थान ) चल-वार्ता -- 09460714267 / 07891857409 ई-मेल --- [email protected]

One thought on “ठकुरेला की  कुण्डलियाँ 

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत सुंदर कुंडलियाँ

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