ताजी खबर : ताजी कुंडलिया
अपने यू.पी. की पुलिस, बहुतै तेज तरार।
चोरों की खटिया खड़ी, खोने लगा करार।
खोने लगा करार, चुराना भैँसे भूले।
टीपू अपना काम, देखकर कितना फूले।
कह ‘पूतू’ कविराय, देखती गौरी सपने।
उसका खोया पूत, नहीं लौटा घर अपने॥
अपने यू.पी. की पुलिस, बहुतै तेज तरार।
चोरों की खटिया खड़ी, खोने लगा करार।
खोने लगा करार, चुराना भैँसे भूले।
टीपू अपना काम, देखकर कितना फूले।
कह ‘पूतू’ कविराय, देखती गौरी सपने।
उसका खोया पूत, नहीं लौटा घर अपने॥
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बढ़िया कुंडली !