क्षणिका
ईश्वर ने
जड़ों में दुख
कुछ वैसे ही
डाला जैसे
बड़ी श्रद्धा से
सीधा आंचल कर
तुलसी में
जल देती हू ..!!
…रितु शर्मा
ईश्वर ने
जड़ों में दुख
कुछ वैसे ही
डाला जैसे
बड़ी श्रद्धा से
सीधा आंचल कर
तुलसी में
जल देती हू ..!!
…रितु शर्मा
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बढ़िया। लेकिन दुखों का कारण ईश्वर नहीं हम स्वयं होते हैं।
नहीं कोई काऊ सुख दुखकर दाता।
निज कृत करम भोग सब भ्राता।।