बाल कविता वर्षा निवेदिता चतुर्वेदी 17/07/201517/07/2015 ऋतुओं की रानी है वर्षा , रिमझिम -रिमझिम होती वर्षा , चारों तरफ हरियाली छायी , मौसम में ख़ुशहाली लायी , खुश होती तो भर देती है नदी तालाब में पानी वर्षा , पर गुस्से में बाढ़ बनकर, करने लगती मनमानी वर्षा ! — निवेदिता चतुर्वेदी
achchi bal kavita..
सुंदर कविता।
अच्छी बाल कविता !