आजाद की मातृभूमि
अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाभरा को चंद्रशेखर आजाद नगर घोषित किये जाने पर समर्पित कविता-
शहीदों की क़ुरबानी से, हुआ देश आजाद हमारा है
लहराता यहाँ जब तिरंगा ,लगता कितना प्यारा है
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कश्मीर से कन्याकुमारी तक,भारत को सबने संवारा है
मिली आजादी से भारत ,अब लगता कितना प्यारा है
बहती गंगा-जमुना सी नदियाँ ,यहाँ की पावन धारा है
लहराता यहाँ जब तिरंगा ,लगता कितना प्यारा है
शहीदों की क़ुरबानी से, हुआ देश आजाद हमारा है
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सत्य अहिंसा के पथ चलकर ,विश्वशांति को पुकारा है
मातृभूमि का वंदन करके, शहीदों ने हम सबको तारा है
खुली बेड़ियाँ शहीदों से, अब तो स्वत्रंता ही सहारा है
लहराता यहाँ जब तिरंगा ,लगता कितना प्यारा है
शहीदों की क़ुरबानी से, हुआ देश आजाद हमारा है
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वन्दे मातरम के नारों को ,मिलकर सबने पुकारा है
भारत देश के कर्णधारों को ,तब भारत माँ ने दुलारा है
देखों “आजाद “की मातृभूमि का, भाभरा लगता प्यारा है
लहराता यहाँ जब तिरंगा ,लगता कितना प्यारा है
शहीदों की क़ुरबानी से, हुआ देश आजाद हमारा है
संजय वर्मा “दर्ष्टि “
कविता बहुत बडीया लगी , चंदर शेखर आज़ाद की सिम्रिति को कोटि कोटि नमन .
बढ़िया कविता। इधर उन्नाव वाले मानते हैं कि चंद्र शेखर आज़ाद उनके जिले में पैदा हुए थे।