“प्यार”
प्यार होता सुहाना सफर है सुना
जिंदगी ख्वाब खुशियाँ खिला जाएगी
मन मना के कहे मन सुना के सुने
रूह से रूह खुद आके मिल जायेगी ||
प्रिय मिले न मिले दिल मिल जाता है
ख्वाब एक दुजे संग खिल जाता है
कहती है दुनियां इसे आवारगी
लव डरके साये से हिल जाता है ||
महातम मिश्र
वाह वाह !
सादर धन्यवाद आदरणीय विजय कुमार सिंघल जी, आभार
बहुत खूब .
सादर धन्यवाद आदरणीय श्री गुरमेल सिंह जी