सदा अपने चरण -कमल की गुरुदेव भक्ति मुझे दे दो |
सदा अपने चरण -कमल की गुरुदेव भक्ति मुझे दे दो |
मेरा सम्पूर्ण जीवन अपनी भक्ति में ही लगा दो |
संसार रूपी माया से अब तुम मुझे छुड़ा दो |
मेरा यहाँ कुछ नहीं यह अटल ज्ञान मुझे दे दो |
यह जीवन अनमोल है इसे ब्यर्थ न होने दो |
मेरा तन -मन- धन सब परमार्थ में ही लगा दो |
जीवन भर भटकता है ये जीव सुख की खोज में |
मगर दुःख ही दुःख मिलती है उसे इस जहाँ में |
अब सब कुछ सहने की शक्ति मुझे दे दो |
बहुत भटकी , दुःख पायी अब भी तुम बचा लो |
मेरी बीच भवर में कड़ी नैया को अब तुम पार लगा दो |
ज्ञान -भक्ति की ज्योति अब मेरे मन में जला दो |
हमे अपने शरण में लेकर मेरी सभी तृष्णा मिटा दो |
मैं बुद्धिहीन प्राणी हूँ तुम मुझे स द्द्भुधि दे दो |
मेरे सारे पाप -संताप को मिटा कर शांति मुझे दे दो |
सदा अपने चरण -कमल की गुरुदेव भक्ति मुझे दे दो