कविता
सुन
तू सच्चे मोतियो के एहसास सा
तुझसे कोई दावा तो नही
ना ही कोई इश्क की मेहंदी का
हथेली पर सुर्ख रंग हैं
पर एक तेरा
ज़िक्र ही हैं
जो हमेशा सुगन्धियो की
चोरी करता हुआ
सारी कायनात में
महक बिखेर जाता हैं
तो बता
इस हक से बड़ा
और रिश्ते का
कौन सा वर्क हैं
जो सिंदूरी हैं ….!!
……रितु शर्मा