कविता
सुनो
कैसे पहचानोगे मुझे ?
अरे
तुम मुझे पहचान लेना
मेरे चेहरे की पेशानी पर
मुसीबतों के जो
स्याह निशान है
वो नही बदलते कभी
आम आदमी की ज़िंदगी का
सपना जो ठहरी मैं …!!
……रितु शर्मा
सुनो
कैसे पहचानोगे मुझे ?
अरे
तुम मुझे पहचान लेना
मेरे चेहरे की पेशानी पर
मुसीबतों के जो
स्याह निशान है
वो नही बदलते कभी
आम आदमी की ज़िंदगी का
सपना जो ठहरी मैं …!!
……रितु शर्मा