कविता

कुछ पंक्तियाँ देश के लिए

कुछ पंक्तियाँ  देश के लिए.

आज मैंने एक बात जाना है
आज के दौर में बस मतलबी लोगो का ही जमाना है

इस वक़्त सबको अपनी आजादी याद आ रही है
पर कोई क्यु उन्हें याद नहीं करता
जिन्होने इस आजादी के लिए अपनी जान गवाई है

आप तो आपने घरो में मना रहे हो आजादी

कभी सोचा है क्या बीत रही होगी
उन शहीदों के घर पर जिसके बेटे ने
भारत के लिए जान गवा दी

अरे वो मतलबी ज़माने वालो अब बस करो ये झूठी आजदी का खेल
कभी सोच लिया करो उनके लिए जिनका आज तक ना हुआ अपने घर वालो से मेल.

हां हमे मिली आजदी पर आजादी नहीं है जश्न मनाने की
अगर आजादी मनानी है तो कुछ ऐसा करो
याद करो उन वीरो की दी हुई कुर्बानियो की..

भारत माता के उन वीर जवान बेटे को जिन्होंने हमे आजादी दिलाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी उनका सत सत नमन..

— अखिलेश पाण्डेय

अखिलेश पाण्डेय

नाम - अखिलेश पाण्डेय, मैं जिला गोपालगंज (बिहार) में स्थित एक छोटे से गांव मलपुरा का निवासी हु , मेरा जन्म (23/04/1993) पच्छिम बंगाल के नार्थ चोबीस परगना जिले के जगतदल में हुआ. मैंने अपनी पढाई वही से पूरी की. मोबाइल नंबर - 8468867248 ईमेल आईडी [email protected] [email protected] Website -http://pandeyjishyari.weebly.com/blog/1

2 thoughts on “कुछ पंक्तियाँ देश के लिए

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    एक दिन का हर्षोल्लास
    बाकी दिन फीका फाका
    सार्थक लेखन

    • अखिलेश पाण्डेय

      धन्यबाद

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