जनाज़ा
कुछ नया कुछ पुराना
कोई अपना कोई बेगाना
सब साथ हो लिये
जब जनाजे को
कंधे पर उठाया गया
उस वक्त मुझे समझ आया
तन से तनाव और
रूह से अपनापन का
कुछ नया कुछ पुराना
कोई अपना कोई बेगाना
सब साथ हो लिये
जब जनाजे को
कंधे पर उठाया गया
उस वक्त मुझे समझ आया
तन से तनाव और
रूह से अपनापन का