देशभक्ति
पिछले दिनों नेताओं को आजादी दिवस के उपलक्ष पर देशभक्ति का भूत सवार हो गया. पर नेताओं को भाषण से ज्यादा कुछ आता भी तो
नहीं है, तो माननीय नेताजी भाषण से ही अपनी और अपने परिवार की देशभक्ति की झूठी लीलाएँ बघारने लगे. जब कुछ ज्यादा ही नेताजी उत्तेजित हो गए तो बेनाम कवि से रहा नहीं गया और बोल पड़ा,”नेताजी आपने क्या किया है देश के लिए?”
नेताजी कुछ सकपकाए.. अपने भाषण के बीच ऐसा अवरोध.. अवरोधक को पार करते हुए बोल पड़े नेताजी.. “अरे! मैं भी अगर उस जमाने में पैदा हुआ होता तो अपनी जान की बाजी लगा देता, अपने खून का एक-एक कतरा बहा देता देश की खातिर.. और आज मेरा नाम और तस्वीर दोनों स्वर्णाक्षरों में छपी होती…!” और नेताजी के समर्थकों की तालियां शुरू हो गई…
बेनाम कवि देशभक्त ने फिर तालियों की आवाज को काटा और बोला,”लेकिन नेताजी! आपकी फोटू तो काले अक्षरों में सार्वजनिक शौचालय में लगी है..!”
इस बार इंसान नहीं बल्कि वहां पसरा सन्नाटा तालियां बजा रहा था…!!
# एस_एन_प्रजापति