कविता

लूट रही है बिटिया

ये कैसा पाप समाया है आज के दौर के इंसानो में..?
हर तरफ लूट रही है बिटिया जालिम हैवानो से,

हर कोई इस वक़्त अपना कुर्सी बचाना चाहता है
बलातकार होने का मुख्य कारण सुन्दर होना बताता है,

कोई कहता है एक के साथ चार कभी बलत्कार ही नहीं कर सकते,
कोई कहता है की लड़के है नया खून है ये खुद पे काबू पा नहीं सकते,

कोई कहता है की बलात्कार की सजा फांशी देना पाप है,
लड़के है बेकाबू हो जाते है तो क्या ये करना पाप है

तंग आ गया हु मैं अब सुन सुन कर इन सब की बाते,
अरे कोई है क्या जो इनके बहन बेटियो की इज़्ज़त एक साथ चार – चार लूट कर दिखा दे,

क्या होती है इज़्ज़त एक बेटी की तभी उन्हें यह एहसास होगा
कौन जवान है और कैसे होता है एक के साथ चार उन्हें ये एहसास होगा,

जिस दिन उनके अपने घर की इज़्ज़त लूट जायेगी
यकीनन उस दिन से बलतकार पर रोक लगा दी जाए गी.

अखिलेश पाण्डेय

नाम - अखिलेश पाण्डेय, मैं जिला गोपालगंज (बिहार) में स्थित एक छोटे से गांव मलपुरा का निवासी हु , मेरा जन्म (23/04/1993) पच्छिम बंगाल के नार्थ चोबीस परगना जिले के जगतदल में हुआ. मैंने अपनी पढाई वही से पूरी की. मोबाइल नंबर - 8468867248 ईमेल आईडी [email protected] [email protected] Website -http://pandeyjishyari.weebly.com/blog/1